छुट्टा पशुओं के बाद अब नील गाय बनी किसानों के लिए काल
वाराणसी। वाराणसी से सटे ग्रामीण इलाकों मे नील गाय का आतंक बढ़ता जा रहा है। किसानों का आरोप है कि छुट्टा पशुओं के मुकाबले नील गाय ज्यादा खतरनाक साबित रहे है।
किसानो का यह भी कहना है कि हमे दिन भर देख रेख करना पड़ता है और शाम तक घर लौट आते है। सुबह पहुंचने पर सारी फसल का नुकसान हो जाता है। सबसे ज्यादा तकलीफ में वे किसान है जो अधिया पर फसल उगाते है और उन्हें आधी फसल का भुगतान जमीन के मालिक को करना पड़ता है।
खास बात तो ये है कि प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है और किसानों को इसका जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। अगर यही स्थिति बरकरार रही तो किसानों को भखों मरना पड़ेगा
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