मायावती ने राजा भैया को दिलायी पुराने दिनों की याद, बसपा सरकार आने पर बढ़ सकती है मुसीबते
उत्तर प्रदेश: राज्यसभा चुनावो के बाद एक बार फिर से कुंडा के बाहुबली क्षत्रिय विधायक राजा भैया और मायावती के बीच बयानबाजी तेज़ हो गयी है और एक बार फिर से सारा विवाद गर्माने लगा। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजा भैया को लेकर अपना रुख साफ़ कर दिया है, मीडिया से बात करते हुए यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि “ये अखिलेश यादव ही राजा भैया के चक्कर में फंस गए है, मेरी सरकार जब थी तो मैंने राजा भैया को ठीक करके रख दिया था।
बसपा सुप्रीमो मायवती और राजा भैया के बीच का विवाद किसी से छुपा नहीं है और अपने इस बयान से मायावती ने ये साफ़ कर दिया है कि यदि फिर से उनकी सरकार बनती है तो राजा भैया के लिए मुसीबते एक बार फिर से बढ़ सकती है। विधानसभा में कम विधायकों की संख्या के चलते बसपा अपने प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने में नाकामयाब हो गयी और अपने प्रत्याशी के हार के बाद से ही मायावती काफी नाराज़ चल रही हैं। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि यदि राजा भैया का वोट बसपा को मिल जाता तो परिणाम बसपा के पक्ष में आ सकता था।
जब मायावती ने लगाया था पोटा
मायावती व राजा भैया की राजनीतिक दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। प्रतापगढ़ के कुंडा से 1993 से अभी तक राजा भैया ही चुनाव में अपना विजय ध्वज लहराते आये हैं। इसके साथ ही वह राजनाथ सिंह व कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री भी बने थे, लेकिन वर्ष 2002 में बसपा की सरकार ने राजा भैया पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके उपर पोटा लगा दिया था। जिसके बाद बाहुबली क्षत्रिय नेता राजा भैया व उनके पिता उदय प्रताप सिंह को जेल जाना पड़ा था।
2003 में सपा के सत्ता में आने के बाद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने उनका साथ दिया था, इसलिए राजा भैया ने पुराने संबंधों का ख्याल रखते हुए, अखिलेश यादव के प्रत्याशी को प्रथम वरीयता का वोट दिया था पर द्वितीय वरीयता का वोट बसपा के जगह बीजेपी को दिया।
राज्यसभा चुनावो से पहले ही साफ़ कर दिया था अपना रुख
आपको बता दे कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही राजा भैया ने साफ़ कर दिया था, कि वह अखिलेश का साथ तो देंगे पर मायावती के साथ वह के साथ वह किसी कीमत पर नहीं जायेंगे। इस विषय में ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था कि “न मैं बदला हूँ, न मेरी राजनैतिक विचारधारा बदली है, ‘मैं अखिलेश जी के साथ हूँ,’ का ये अर्थ बिल्कुल नहीं कि मैं बसपा के साथ हूँ।”
राजा भैया के इस बयान से साफ़ हो गया था कि वह प्रथम वरियता का वोट सपा को देंगे, लेकिन इसके साथ यह भी संकेत दिया था कि द्वितीय वारियता का वोट बसपा की जगह बीजेपी को देंगे और मतदान के बाद तुरंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्होंने इस बात की पुष्टि भी कर दी थी, अब कयास लगाए जा रहे है की जल्द ही वह बीजेपी का दामन थाम सकते है।