वाराणसी : रामनगर बंदरगाह ‘सागरमाला’ परियोजना की पहली सफलता, जलमार्ग व्यापार को मिलेगी गति
वाराणसी। भारत की सागरमाला परियोजना दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने के लिए की तैयार होने जा रहा है जिसमें अंतरदेशीय जलमार्ग के तौर पर गंगा में बन रहे चार में से पहले मल्टीमॉडल टर्मिनल के उद्घाटन के साथ ही सागरमाला की कडियां जुडने से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच सड़क, रेल व जलमार्ग के जरिए व्यापारिक मार्ग बन जाएगा। वहीं शिपिंग मिनिस्ट्री सागरमाला परियोजना की इस अहम कड़ी के पूरा होने से कारोबारियों, किसानों के लिए नए बाजार मिलने की संभावनाएं जता रही है। हालांकि पहली खेप के तौर पर पेप्सिको के कंटेनर लेकर जलयान रामनगर में बंदरगाह के उदघाटन के लिए लंगर डाल चुका है।
देश का पहला मल्टीमॉडल टर्मिनल
वाराणसी के रामनगर में 184 करोड रुपये से बने नेशनल वाटरवे संख्या एक मल्टीमॉडल टर्मिनल की क्षमता 12.6 लाख टन प्रतिवर्ष है जो रिकार्ड समय यानि 17 माह में जल मार्ग विकास परियोजना के तहत तैयार किया गया है। यह गंगा में बनने वाले कुल चार में से देश का पहला मल्टीमॉडल टर्मिनल है जो पीएम नरेंद्र मोदी लोकार्पित करेंगे। यह जल मार्ग खाद, सीमेंट, अनाज और निर्माण सामग्री के परिवहन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे हेरिटेज टूरिज्म के विकास को भी काफी बढ़ावा मिलने की संभावनाएं मंत्रालय ने व्यक्त की हैं।देश में हरियाली को बढ़ावा देने के साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण और सड़कों पर जाम के झाम से भी राहत की दिशा में अहम कड़ी मानी जा रही है।
रोजगार की होंगी नई संभावनाएं
चारों मल्टीमॉडल टर्मिनल बनने से रोरो और फेरी सेवाओं से लोगों के लिए यातायात के सुगम साधन उपलब्ध हो जाएंगे। इससे आपसी संपर्क बढ़ने के साथ ही रोजगार की नई संभावनाएं भी प्रबल होंगी। गंगा और ब्रहमपुत्र नदियों के रास्ते कारोबार को गति देने के लिए बांग्लादेश के साथ समझाैता होने के बाद यह रास्ता पूर्वोत्तर तक का सफर आसानी से तय कर सकेगा। इसका जलीय क्षेत्र इलाहाबाद से लेकर पूर्वोत्तर में ढुबरी से सादिया तक व्यापक होगा। रिवर इन्फार्मेशन सर्विस कमांड से जुड़े होने की वजह से तकनीकी तौर पर भी काफी सहायता यहां से होकर गुजरने वाले जलयानों को मिल सकेगी।