वाराणसी पहुंचे राष्ट्रपति बोले आधुनिक युग और संस्कृति का समन्वय हैं काशी नगरी

वाराणसी पहुंचे राष्ट्रपति बोले आधुनिक युग और संस्कृति का समन्वय हैं काशी नगरी

वाराणसी: आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वाराणसी पहुंचे है, जहा उन्होंने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद मेरी पहली यात्रा है और इस यात्रा का एक सुखद अनुभव है। कहा जाता है कि काशी निरन्तर अस्तित्व में बनी रहने वाली सबसे प्राचीन नगरी है। बदलते युग के साथ-साथ आधुनिक बदलाव को अपनाने का समन्वय बनारस में होता है।

वैदिक रीतियों और आधुनिकता का होता है यहाँ संगम

यहां एक तरफ वैदिक कर्मकांड और गंगा आरती देखते है तो दूसरी तरफ बीएचयू आईआईटी में आधुनिकता देखते है। आज ये परिसर आधुनिक सभागार आधुनिक बदलाव का प्रतीक बन गया है। आज बाहर लगी प्रदर्शनी देखने का अवसर मिला जो बहुत अच्छी है। मैं लोगो से अपील करता हूँ कि कार्यक्रम के वाद प्रदर्शनी जरूर देखें ये प्रदर्शनी बदलते भारत की तस्वीर है।

राष्ट्रपति वाराणसी हनुमना खंड की करीब 125 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन को चौड़ीकरण परियोजना की आधारशिला रखेंगे इसके साथ ही वह अन्य 2600 करोड़ रूपये की महत्वकांक्षी परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

वाराणसी का हुआ है विकास

अपने इस सम्बोधन में राष्ट्रपति ने पहले के वाराणसी की अब से तुलना करते हुए कहा कि पहले की अपेक्षा वाराणसी का काफी विकास हुआ है, पहले भी वाराणसी जब मैं आता तो देखता था कि, हर जगह बिजली के तारों का जंजाल रहता था, जिससे आयेदिन दुर्घटनाये होती रहती थी। आज केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश सरकार अंडर ग्राउंड बिजली के तार करने की शुरुआत बनारस से हुई और पुराने काशी में लगभग काम पूरे भी हो चुके है। ये एक बहुत सराहनीय कदम है इसके लिए मैं प्रदेश सरकार की सराहना करता हूँ।

इसके साथ ही महामहिम ने अपने राष्ट्रपति बनने से पूर्व काशी यात्रा के विषय में बात करते हुए कहा कि पहले मुझे कई वाराणसी में 15-15 दिन रुकने का अवसर मिलाता था। उस समय मैं यहां के संस्कृति में ढल गया था, और ऐसा लगता था जैसे मैं यही का हूँ। जब फ्रांस राष्ट्रपति भारत आये थे, तो मैंने उन्हें वाराणसी की पुस्तक भेंट की थी, जिसको पाकर वह काफी खुश थे।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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