सूचना देना है जन सूचना अधिकारी का सर्व प्रथम कर्त्तव्य
ज्ञानपुर, वाराणसी: सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सूचना के अधिकार अधिनियम की कार्यशाला आयोजित की गई। इस आयोजन में आयोग से आए प्रशासनिक सुधार विभाग के स्टेट रिसोर्स पर्सन एवं डीएम ने अधिनियम के विभिन्न बिंदुओं को प्रदर्शित किया। इस समय उन्होंने कहा कि सभी लंबित सूचना अधिकार अधिनियम से जुड़े प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिया।
वही जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा सूचना का अधिकार मौलिक अधिकार है। सूचना अधिकार लागू होने से अधिकारियों को लाभ मिला है। साथ ही यह भी कहा कि जन सूचना अधिकारी का सबसे पहला दायित्व सभी नागरिकों को वक़्त पर सुचना मुहैया कराना है। कहा की यदि अधिनियम एवं नियमावली के अनुसार देय सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराते हैं तो दंड के भागीदार होंगे। कहा कि अधिकारी जन सूचना के प्रकरण को अपने-अपने विभागों से संबंधित प्राथमिकता से निपटाएं।
वही डॉ. राहुल सिंह स्टेट रिसोर्स पर्सन ने अधिनियम के एक-एक बिंदु पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि युद्धस्तर पर लंबित सूचना, आरटीआई प्रकरणों का निस्तारण करें। कहा कि जनसामान्य के लिए सूचना का अधिकार बनाया गया है इसलिए उन्हें यह समझना चाहिए यह लोगो के हित के लिए ही है।
30 दिन के अंदर सूचना मांगने वाले व्यक्ति को सूचना उपलब्ध कराई जानी चाहिए और यह भी बताया कि यदि कोई आवेदक विस्तृत सूचना की मांग करे तो उसमें लगने वाला खर्च आवेदक से मांगा जा सकता है। वही यह भी बताया कि बिना किसी विधिक कारण के जनसूचना अधिकारी आवेदन को निरस्त नहीं कर सकता हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम विकसित किया जाना चाहिए।
1766 से स्वीडन में सूचना का अधिकार लागू है। अब तक विश्व के 100 देशों में सूचना का अधिकार लागू हो चुका है।
आयोजन का शुभारंभ डीएम, एडीएम राम सिंह वर्मा, रिसोर्स पर्सन, सीडीओ हरिशंकर सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। अंत में स्टेट रिसोर्स पर्सन डीएम कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान अधिनियम के कई बिंदुओं पर जानकारी दी। इस दौरान डीडीओ जयकेश त्रिपाठी, सीएमओ डॉ. सतीश सिंह, अजय कुमार सिंह, आरबी मौर्य, डीआईओएस अशोक कुमार, मीना श्रीवास्तव, समेत कई विभाग के अपीलीय और जन सूचना अधिकारी मौजूद रहे।