वाराणसी में आयोजित हुआ यूरोलॉजिकल असोसिएसन का कार्यक्रम, महिलाओ में बढ़ते यूरिनल डिजीज पर हुयी चर्चा
वाराणसी: यूपी एवं उत्तराखंड यूरोलॉजिकल असोसिएसन का पांचवा वार्षिक दो दिवसीय सम्मलेन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान के यूरोलॉजी ट्रस्ट की ओर से 17 मार्च शनिवार को कैंटोमेंट क्षेत्र स्थित एक पांच सितारा होटल में आयोजित किया गया। जहा सम्मलेन का उद्घाटन केंद्रीय स्वस्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चिकित्सा संस्थान के यूरोलॉजी विभाग प्रोफेसर यू.अस. द्विवेदी, प्रो. समीर त्रिवेदी, डॉ पी. के. जिंदल ने इस कार्यक्रम में यूरोलॉजी विभाग के चिकितसकों के साथ महिलाओ में बढ़ रहे मूत्र विकार खासतौर से फिश्च्यूला पर चर्चा की।
महिलाओ में तेज़ी से बढ़ रही है यूरिनल डिजीज और कैंसर की समस्या
उन्होंने बताया कि किस तरह मूत्ररोगो की जटिल बीमारिया धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है। विश्वविद्यालय के यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी में पेशाब की थैली और उसके आस पास कैंसर से पीड़ित मरीजों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है और आने वाले मरीजों में 40 फीसदी महिलाये है।
इस सम्मलेन में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड सहित देशभर के 200 से 250 प्रतिनिधियो ने भाग लिया और विशेषज्ञो ने मूत्र विकार पर आधारित शोध भी प्रस्तुत किया। इसमें सोसाइटी के वर्तमान अध्यक्ष डा.मधुसूदन अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष प्रो. वी. एन. त्रिपाठी, प्रो. ए. पी. पांडेय, प्रो.पीवी सिंह, सोसाइटी के उत्तरी जोन अध्यक्ष डा.एस.पी .यादव, निर्वाचित अध्यक्ष डा.अनिल एलहेंस का व्याख्यान ख़ास रहा।
सम्मलेन में चिकित्सा और ज्योतिष को लेकर भी अलग से चर्चा हुयी इसके आलावा सम्मलेन में मेडिको लीगल पर प्रशिक्षण और छ्द्म मुकदमा और अदालत कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ जिसमे विश्वविद्यालय के लॉ फेकलटी के प्रोफ़ेसर ने न्यायधीश की भूमिका निभाई। जबकि मेडिको लीगल पर प्रशिक्षण में पेशेंट और डॉक्टर के किरदार में यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर दिखे, जिसमे यह दिखाया गया कि किस तरह से कोई ऑपरेशन किया जाता है और क्या प्रक्रिया होती है।