वाराणसी: राजीव गांधी की प्रतिमा का शिलापट्ट तोड़ा गया
वाराणसी: गुरुवार की देर शाम शहर के बीचों बीच स्थित मैदागिन राजीव चौक पर लगी भारत रत्न राजीव गांधी की प्रतिमा का शिलापट्ट तोड़ दिए जाने से कांग्रेसियों ने खूब मचाया शोर-शराबा। वर्ष 1994 में राजीव गांधी की प्रतिमा जो कि चौराहे पर लगी है के चारों तरफ कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित जिन व्यक्तियों ने इस प्रतिमा को लगवाने में दान दिया था उनके भी नाम लिखे थे। पर हाल में इस घटना को प्रमुखता से लेते हुए जांच के बाद दो एफआईआर दर्ज करवाने की बात नगर आयुक्त द्वारा कही गई है।
विरोध प्रदर्शन करने पहुँच राजीव चौक
गुरुवार की शाम भारत रत्न राजीव गांधी की प्रतिमा के शिलापट्ट को जो कि शहर के मैदागिन चौराहे पर स्थित काल भैरव चौकी के सामने लगी हुई है को कुछ तोड़ दिया गया है। जैसे ही यह खबर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश महासचिव सतीश चौबे, जिला अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा एवं मिनी सदन के नेता प्रतिपक्ष और महानगर अध्यक्ष सीताराम केसरी के नेतृत्व में विरोध के लिए राजीव चौक पहुँच गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
नगर आयुक्त ने जाहिर की मामले में अनिभिज्ञता
सीताराम केसरी ने इस मामले के सम्बन्ध में बताया है कि नगर निगम से अनुरोध कर कांग्रेस के लोगों ने अपने पैसे लगाकर राजीव गांधी की प्रतिमा वर्ष 1994 में इस जगह पर स्थापित करवाई थी। हमे शाम 5 बजे यह जानकारी प्राप्त हुई कि यह शिलापट्ट जिस पर पदाधिकारियों के नाम लिखे हुए थे इसको तोड़ दिया गया है। जब हम यहां पहुंचे तो हमने नगर आयुक्त से बात कर यह पता किया की क्या यहां किसी प्रकार का कोई काम चल रहा है तो उनके द्वारा ऐसी कोई बात पता ना होने कि अनिभिज्ञता जाहिर की गई।
दोषियों के विरुद्ध होनी चाहिए सख्त करवाई
जिसके बाद जिलाधिकारी महोदय को भी हमने फोन लगाया जिस पर उन्होंने भी अनिभिज्ञता जाहिर की। इसपर कांफ्रेसें करवाकर हमारी बात नगर आयुक्त से एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने करवाई तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में हैं। जिस पर सीताराम केसरी ने कहा कि यदि यह उनके संज्ञान में था तो कांग्रेसी को इसकी कोई भी खबर क्यों नहीं दी गई दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि यह राजीव जी का अपमान है।
कांग्रेसियों ने दर्ज करवाई आपत्ति
नगर आयुक्त डॉ नितिन बंसल ने इस सम्बन्ध में बात करते हुए कहा है कि शाम में कांग्रेसियों ने आपत्ति दर्ज करवाई है कि राजिव गांधी की प्रतिमा का शिलापट्ट जो कि मैदागिन में स्थित है जिसपर पार्टी पदाधिकारियों का नाम लिखा था उसे तोड़ दिया गया है। नगर निगम से किसी भी तरह का आदेश अनुमति इस मामले के सम्बन्ध में नहीं दिया गया है। इस मामले के सम्बन्ध में जांच कराई जा रही है अगर किसी भी प्रकार की अनुमति इस सम्बन्ध में दी गई है तो यह देखा जाएगा कि यह आदेश किन परिस्थितियों में दिया गया।
नहीं हटा रहे है महापुरुषो की मूर्ती उनके स्थान से
नगर आयुक्त ने कहा कि इस मामले के सम्बन्ध में जांच के बाद दो तरह की तहरीर थाने में दी जाएगी जिसमे एक डैमेज के लिए एवं एक तोड़फोड़ के लिए होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा हैं कि चौराहों का रेनोवेशन किया जा रहा है, सुगम यातायात के लिए ताकि ट्रैफिक लाइट प्रत्येक चौराहों पर लगाई जा सके पर इन सबके लिए किसी भी महापुरुष की मूर्ती हम उसके स्थान से नहीं हटा रहे हैं।