50 हजार इनामी बदमाश रईस बनारसी व राकेश अग्रहरि मुठभेड़ में ढ़ेर
वाराणसी: 50 हजार के इनामी बदमाश रईस अहमद उर्फ रईस बनारसी (36) और राकेश अग्रहरि (32) क्रॉस फायरिंग में शुक्रवार देर शाम मारा गया। एक समय ऐसा था जब रईस और राकेश एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे। कहा जाता है कि हाल के दिनों में राकेश अग्रहरि तेजी से जमीन की दलाली में आगे बढ़ते ही जा रहा था साथ ही भूमि विवादों की पंचायत में रूचि लेता था। ना ही सिर्फ हत्या और लूट के मामले में बल्कि जमीन विवाद की बड़ी पंचायतें भी वह सुलझाता था। जिस कारण कई बार खींचा – तानी होने की बात रईस एवं राकेश के बीच हुई सुनने में आई।
बिल्डर को दी थी जान से मरने की धमकी
तफ्तीश में जुटी पुलिस टीमों के अनुसार एक बिल्डर को रईस ने धमकी दे रखी थी कि उसे रंगदारी चाहिए नहीं तो वह उसकी जान ले लेगा। वहीं बिल्डर को राकेश जो कि जमीन के धंधे में ब्रोकर का काम करता था ने कहा रखा था कि उसके रहते रईस उनका बाल भी बाका नहीं कर सकता। जिसके बाद से रईस को लगा कि राकेश उसके मार्ग का रोड़ा बन रहा था तब रईस ने उसकी रेकी करना प्रारंभ कर दी।
राकेश वा रईस दोनों ने की थी फायरिंग
शुक्रवार की शाम जब इस बात की सूचना रईस को मिली की राकेश अपने घर के पास ही खड़ा है तो रईस अपने दोस्त संग मौके पर पहुंचा। फिर वहां पर राकेश वा रईस दोनों ने फायरिंग की जिसके बाद रईस के लिए राकेश की पिस्टल से निकली गोली महंगी पड़ गयी। पुलिस सहित बनारस इलाहाबाद एवं कानपुर के व्यापारियों, बिल्डरों और डॉक्टरों सबने रईस की मौत से चैन भारी सांस ली है। रंगदारी वसूल करने के लिए रईस कुख्यात था।
बाइक का दर्ज नंबर था फर्जी
वहीं होंडा शाइन बाइक जो कि लंगड़ा हाफिज मस्जिद के पास से बरामद हुई है पर कानपुर का नंबर है। जब कानपुर से पुलिस ने उसका पता लगाया तो पता चला कि बाइक पर जो नंबर दर्ज वह फर्जी हैं। बाइक को कब्जे में लेकर दशाश्वमेध पुलिस उसकी जांच कर रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण वाला मॉस्क चेहरे पर पहन रईस वह पर आया था, जो कि पतालेश्वर स्थित वारदात वाली जगह पर पड़ा हुआ मिला।
आपराधिक मामलों का आरोपी था रईस
इस सम्बन्ध में एसएसपी ने बताया कि जहां राकेश के विरुद्ध जिले में दो मुकदमे दर्ज है वहीं कई आपराधिक मामलों का आरोपी था रईस। राकेश शायद ही मुंबई में जेल में रहा है एवं उसका किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकार्ड या किसी गैंग से जुड़े होने की बात सामने नहीं आई। यह नहीं कहा जा सकता है कि
गैंगवार में दोनों की मौत हुई।
सरेआम शहर में हुई इतनी बड़ी वारदात
सीएम योगी के शहर से लखनऊ रवाना होने के मात्र 24 घंटे के भीतर सरेआम शहर में हुई इतनी बड़ी वारदात का लखनऊ में बैठे पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने भी संज्ञान लिया। एसएसपी से वारदात की जानकारी लखनऊ से फोन कर ली गई। एसपीजी के अधिकारी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी के कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण वारदात के दौरान किया जा रहा था।नई दिल्ली से आई केंद्रीय खुफिया इकाइयों ने भी शहर के बीचोंबीच हुए इस दोहरे हत्याकांड को गंभीरता से लिया है।