राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिया वाराणसी के जिलाधिकारी और उनकी टीम को शाबाशी, और बताया क्यों जरूरी है आंगनवाड़ी केंद्र पर ध्यान देना

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिया वाराणसी के जिलाधिकारी और उनकी टीम को शाबाशी, और बताया क्यों जरूरी है आंगनवाड़ी केंद्र पर ध्यान देना

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को आयोजित हुए सर्किट हाउस सभागार में राज्य के विकास पर काम करने के नए तरीके बताएं, और उन्होंने इसका विश्लेषण भी किया कि महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य अथवा शिक्षा राज्य के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सभागार में ‌आंगनवाड़ी कार्यक्रम, टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम, स्वयं सहायता समूह, स्वैच्छिक संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर राज्यपाल ने माइक्रो प्लान बना कर राज्य के हर वर्ग को जोड़ते हुए विकास के सुझाव दिए।

सुझाव में उन्होंने यह बताया कि कन्या सुमंगला योजना भारत की सबसे अच्छी योजना है, इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि गरीबी, भूख जैसे सभी दुख दूर करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है।

यदि समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य होगा तो विकास अपने आप होने लगेगा।

वाराणसी के जिलाधिकारी को वाराणसी में किए गए आंगनवाड़ी पर काम के लिए बधाई देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य को शिक्षित, स्वास्थ, और कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सभी को एक साथ आकर जिम्मेदारी लेनी होगी।

बच्चे यदि 3 साल के हो तो उन्हें आंगनवाड़ी में भेजा जाए और उसके बाद 6 वर्ष पर प्राइमरी स्कूल में दाखिला करवाएं, विद्यालय और विश्वविद्यालय के प्रधानाध्यापक इस कार्यक्रम से जुड़े और लोगों को जागरूक बनाएं।

उन्होंने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीचे काम करने का अपना अनुभव बताते हुए बताया कि गुजरात में अच्छे कार्य करने वाले शिक्षा अधिकारी एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्री सहायीका को “माता यशोदा अवार्ड ” देकर उनका मनोबल बढ़ाया जाता था।

गुजरात मॉडल से ही उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य को भी सीखने को कहा।

इतना ही नहीं उन्होंने कुपोषण, कैंसर, जैसी बीमारियों का जांच प्राथमिक अवस्था पर ही करने को कहा इससे इन बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है और जरूरत हो तो उन्हें उच्च अस्पताल में भेज कर इलाज कराने को कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि कुपोषण मापने के लिए अलग पैरामीटर का इस्तेमाल हो , क्योंकि हर जगह का वातावरण अलग होने के कारण कुपोषण मापने की प्रक्रिया में उन्होंने बदलाव लाने को कहा।

माता की गोद भराई आंगनवाड़ी केंद्रों में करने का सुझाव दिया और जो पैसा सरकार की तरफ से माता को मिलता है, उससे होने वाली मां के स्वास्थ्य पर लगाया जाए इससे मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहेंगे और बीमारियों से दूर रहेंगे।

इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर विकास के नारे लगाकर लोगों को जागरूक करने का सुझाव भी दिया।

राज्य के जिला प्रशासन, और जनता को जोड़कर काम करने का सलाह दिया।

और उन्होंने जिला प्रशासन के साथ-साथ एनजीओ की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया, जिन जगहों पर प्रशासन ना पहुँच सके वहां पर एनजीओ राज्य के लोगों को सही स्वास्थ और शिक्षा का महत्व समझाने अथवा बीमारियों से बचने की सुझाव दे सकती है इसलिए राज्य में एनजीओ का भी उतना ही महत्व है।

समाज के कमजोर लोगों को आगे बढ़ा कर ही सभी को एक साथ लाया जा सकता है और तभी विकास भी मुमकिन है।

इस सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का विकास मुद्दा रहा।

उन्होंने जिला प्रशासन के लिए नए-नए तरीकों को बताया , और उत्तर प्रदेश राज्य के विकास में सभी को एकजुट आकर एक दूसरे की मदद करें, जागरूकता फैलाकर खुद विकसित होने और राज्य को विकास की ओर आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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