वाराणसी में आ रहा है रामराज्य रथ, अयोध्या से रामेश्वरम तक का तय करना है सफर
वाराणसी: जैसे-जैसे 2019 का चुनाव नज़दीक आते जा रहा है वैसे-वैसे ही देश का सियासी माहौल एक बार फिर से गर्माने लगा कही कांग्रेस अपना विरोध दर्ज़ करा रहा है तो कही लेफ्ट अपने अजेंडो को लेकर मुद्दा बनाये हुए है।
इन्ही सब के बीच एक बार फिर से राम मंदिर आंदोलन का मुद्दा फिर से जागने लगा है। विश्व हिन्दू परिषद् के संगठन बजरंग दल की ओर से निकली जा रही रामराज्य रथयात्रा आज शाम को प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेगी। अयोध्या से महाशिवरात्रि के पर्व पर यह यात्रा आरम्भ हुयी है और उत्तर से दक्षिण भारत तक इस यात्रा के जरिये राम मंदिर आंदोलन को एक बार फिर से जिन्दा करने का प्रयास शुरू हो चुका है।
इस यात्रा की सबसे दिलचस्प बात यह है की इसके उद्घाटन समारोह में खुदको बाबर का वंसज बताने वाले और अदालत में अपना डीएनए सैंपल पेश करने वाले प्रिंस याकूब तुसी भी मौजूद रहे।
41 दिनों तक चलेगी यह यात्रा राममंदिर निर्माण के लिए लोगो में जगायेंगे चेतना
शाम के पांच बजे तक यात्रा के वाराणसी में पहुंचने की सम्भावना है और यह यात्रा 41 दिनों का सफर विभिन्न शहरो से तय करते हुए अपने आखिरी पड़ाव रमेश्रम पहुंचेगी इस रथ के साथ 50 संतो का एक दाल भी चल रहा है और यह संत रास्तो में विभिन्न जगहों प्रवचन करेंगे।
बजरंग दल के सयोंजक अर्जुन कुमार मौर्या ने मीडिया से बात करते हुए बताया की काशी में यह यात्रा तरना, गिलट बाजार, भूजूबीर तिराहा, पुलिस लाइन, पांडेयपुर चौराहा, चौकाघाट चौराहा, तेलियाबाग, मलदहिया चौराहा, इंग्लिशिया लाइन होते हुए लहरतारा स्थित राम जानकी मंदिर पहुंचेगी और वाराणसी में राम जानकी मंदिर के पास यात्रा का पड़ाव लगाया जियेगा उनका कहना है यह यात्रा राममंदिर निर्माण के लिए लोगो में चेतना जगाने के लिए की जा रही है।
महाशिवरात्रि के पर्व पर निकली यह यात्रा वाराणसी से 15 जानवरो को प्रस्थान करेगी और रोहनिया मोहनसराय से होते हुए प्रयाग के लिए प्रस्थान करेगी 13 जनवरी को उतर प्रदेश के अयोध्या से शुरू हुयी यह यात्रा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल होते हुए 25 मार्च को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर पहुंचेगी जहा इसका समापन होगा।