सागरमाला परियोजना को वाराणसी के मल्टी मॉडल टर्मिनल से मिलेगी मजबूती, बढ़ेगी दक्षिण एशिया में धाक

सागरमाला परियोजना को वाराणसी के मल्टी मॉडल टर्मिनल से मिलेगी मजबूती, बढ़ेगी दक्षिण एशिया में  धाक

वाराणसी। पी एम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी से हल्दिया के बीच जल परिवहन की शुरुआत और मल्टी मॉडल टर्मिनल का लोकार्पण भी किया। इसी के साथ काशी-कोलकाता के रास्ते दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों से जल मार्ग से जुड़ गया। इनमें बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, भूटान, थाईलैंड, मलेशिया और श्रीलंका प्रमुख हैं। इस समय इन देशों के व्यापारिक क्षेत्र में चीना का दबदबा है। सागरमाला परियोजना के तहत वाराणसी-हल्दिया के बीच दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति मजबूत बनाएगा। जल मार्ग विकसित होने से अब जहां माल की ढुलाई सुगम और सस्ती होने जा रही है।

उद्यमियों और व्यापारियों को मिलेगा लाभ

तो वहीं दूसरी ओर व्यापारियों का माल कम रोक-टोक के साथ पूर्वी भारत के अलावा आधा दर्जन देशों को सीधे भेजा जा सकेगा। इससे उद्यमियों-व्यापारियों की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। नई शुरुआत से पूर्वांचल के उद्यमियों और व्यापारियों की भी उम्मीद जग गई है। सागरमाला परियोजना के तहत दक्षिण एशिया से काशी के जुड़ जाने की वजह से अब मध्य भारत के व्यापारियों का माल भी आसानी से और आधे माल भाड़े पर इन देशाें तक पहुंच सकेगा। नतीजतन, उत्पाद सस्ता होंगे और समय से भेजे जा सकेंगे।

परिवहन का सशक्त माध्यम

जल मार्ग का फायदा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को सीधे मिलेगा तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी सामान विभिन्न क्षेत्रों को भेजा जा सकेगा। बिल्डर अनुज डिडवानिया ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिली जल परिवहन की सौगात का लाभ पूर्वांचल के उद्यमियों को मिलेगा। पूरा भरोसा है कि आने वाले दिनों में परिवहन का यह सशक्त माध्यम बनकर उभरेगा। उद्यमी अशोक गुप्ता ने कहा कि काशी के उद्यमियों, व्यापारियों के साथ निर्यातकों के लिए योजना फायदेमंद साबित होगी। इसका असर उत्पादाें की गुणवत्ता के साथ-साथ मूल्य निर्धारण पर भी देखने को मिलेगा।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.