विश्व जल दिवस पर स्कूली बच्चों ने बनाई मानव श्रृंखला, भविष्य में आनेवाले जल संकट को लेकर किया सचेत
वाराणसी: विश्व जल दिवस पर गुरुवार को बनारस के गंगा घाट पर स्कूली बच्चों और बटुको ने मानव श्रृंखला बनाई और नदियों के संरक्षण में सहयोग का लिया संकल्प। इस मौके पर जहां चेतसिंह किला घाट से अस्सी घाट तक मानव श्रृंखला बनाई गई वहीं तुलसीघाट पर संगोष्ठी आयोजित की गई। यह सारा आयोजन संकट मोचन फाउंडेशन और मदर फॉर मदर ने मिल कर किया।
इसके साथ ही त्रिलोचन महादेव बाजार में भी गुरुवार को जल संरक्षण पर गोष्ठी का आयोजन चंदन सेठ की अध्यक्षता में हुई। जिसमें जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। जिसमे डा. रमेश यादव ने कहा कि जल ही जीवन है और इसका एक – एक बूंद बहुत महत्वपूर्ण है। इसे बचाने की जरूरत है, गणेश चौहान ने कहा कि जल संरक्षण को मुहिम से सभी को जोड़ा जाए। चन्दन सेठ ने कहा कि हमें आकड़ों से बाहर निकलकर इस अभियान में अपनी अनिवार्य भागीदारी निभानी होगी। हमारा जीवन प्राकृति की देन है लेकिन आज हम उसी के संरक्षण की बात कर रहे हैं।
मानव शृंखला बनाकर किया जागरूक
इस दौरान लोगो ने मानव श्रृंखला बनाकर भी लोगो को जागरूक किया और कार्यक्रम अध्यक्ष चन्दन सेठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड, महाराष्ट्र व उड़ीसा के प्रांत जल संकट से जूझ रहे हैं। जल संकट से बचाव के लिए विदेशों से सीख लेकर इस बात का सख्त कानून बनाने की आवश्यक्ता है। पेय जल का उपयोग अन्य कार्यो में न हो। फैक्ट्रियों में भी यह कानून सख्ती से लागू हो। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के लिए एक सीमा निर्धारित की जाए। उधोग व्यापार मंडल अध्यक्ष अनुराग वर्मा ने कहा कि गर्मी के मौसम में अभी से तालाब-पोखरे सूख गए है।
पानी पीने के लिए मनुष्यों सहित पशु-पछी भी परेशान हैं। ऐसे में समय रहते शासन -प्रशासन व समाज के लोग नहीं सजग हो नहीं तो आने वाले समय में हमें भयावह स्थिति से गुजरना पड़ सकता है, इस अवसर पर क्षेत्र के कई लोग मौजूद रहे।