Swami Swaroopanand Saraswati बोले, राजनीतिक दल नहीं बनाएगा राम मंदिर
वाराणसी: सीर गोबर्धन में रविवार को प्रारम्भ हुई तीन दिवसीय धर्म संसद में शंकराचार्य Swami Swaroopanand Saraswati ने कहा कि अयोध्या में कभी भी कोई भी राजनीतिक दल राम मंदिर का निर्माण नहीं करवाएगा। राजनीतिक दल मंदिर के राम मंदिर के नाम पर सिर्फ अपना स्वार्थ साध रहे हैं। आगे कहा कि रामलला का मंदिर हमेशा से अयोध्या में था और रहेगा। कहा कि हम न तो मस्जिद के विरोधी हैं और न ही मुस्लिमों के। किसी भी धर्म को आपस में लड़वाकर हम द्वेष पैदा नहीं करना चाहते हैं।
धर्म संसद द्वारा संतों की वेदना जनता तक पहुंचाई जाएगी
बता दे कि ये बातें बतौर परम धर्माधीश के तौर पर शारदा एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य Swami Swaroopanand Saraswati ने तीन दिवसीय धर्म संसद में संतों सहित अनुयाइयों एवं श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं फिर उन्होंने कहा कि वह सरकार मंदिर का निर्माण क्या करवाएगी जो कि मंदिरों को ही विकास के नाम पर तोड़ने में जुटी हुई हैं। उनके द्वारा तो धर्म को भी सम्प्रदाय बना डाला गया हैं। बहुत प्रकार की समस्याएं और कुरीतियां देश में व्यापत हैं। कहा कि इस धर्म संसद के जरिए जनता तक संतों की वेदना एवं बातों को पहुंचाया जाएगा।
गंगा का हाल नहीं है आचमन लायक
वहीं शंकराचार्य द्वारा कहा गया कि भारत की संस्कृति व सभ्यता बहुत प्राचीन है। परमेश्वर द्वारा वेदों की रचना लोक-परलोक की शांति के लिए की गई है। जनता का परम कर्तव्य है कि वह वेदों की परंपरा का पालन करें। आगे कहा कि तुलसी के पत्ते के साथ मुंह में गंगाजल हिंदू समाज के लोग मरते समय भी डालते हैं पर उसी गंगा का आज यह हाल कर दिया गया हैं कि वह आचमन लायक भी नहीं रह गई है।
चैरिटी एक्ट को लाने की तैयारी में सरकार
आगे कहा कि गोमांस का निर्यात भी बड़ी मात्रा में इस सरकार में किया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं अब चैरिटी एक्ट को भी सरकार लाने की तैयारी में है, जिसके द्वारा एक तरह से सरकार का कब्जा मंदिरों पर भी हो जाएगा। वहीं अब साधु-संतों को मंदिर की जो भी धन-संपदा है उसकी जानकारी देनी पड़ेगी।