11 जूनियर हाई स्कूल चल रहे है दो अध्यापकों के भरोसे

11 जूनियर हाई स्कूल चल रहे है दो अध्यापकों के भरोसे

जौनपुर: शिक्षा का महत्तव कितना है सबको पता है पर क्या हो जब उस जिम्मेदारी के लिए लोग ही कम पड़ जाए। कुछ ऐसा ही हुआ है जौनपुर उत्तरप्रदेश में। 623 छात्रों की पढ़ाई के साथ ही ग्यारह जूनियर हाईस्कूल की जिम्मेदारी का सारा दारोमदार सिर्फ दो शिक्षकों पर है। यह बात सबको हैरत में डालने वाली है। जिले में शिक्षा व्यवस्था की यही सच्चाई है।

जौनपुर शहर क्षेत्र में तकरीबन तीन लाख की आबादी वाली इस जगह में 11 जूनियर हाईस्कूल के साथ ही 35 प्राथमिक विद्यालय हैं। जिनमें से कुल 623 छात्रों का पंजीकरण 11 जूनियर हाईस्कूलों में हुआ है, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ दो शिक्षक ही लगे हुए हैं। इस बात से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चो का भविष्य कैसा होगा एवं कैसा होगा वहां की शिक्षा का स्तर। शहरी इलाके के प्राथमिक विद्यालयों का भी यही हाल है। 35 प्राथमिक विद्यालयों में 37 शिक्षक शिक्षण कार्य में लगे हुए हैं।

हम आपको बताते चले कि जिले में कुल 2416 प्राथमिक एवं 878 जूनियर विद्यालय हैं। इन सभी विद्यालयों में 3.81 लाख 222 छात्र पंजीकृत हैं। 9 हजार शिक्षकों पर इन बच्चों की शिक्षा – दीक्षा की जिम्मेदारी है। हर महीने तकरीबन 40 करोड़ से अधिक का बजट शिक्षकों की तनख्वाह पर ही खर्च होता है। इन सबके आलावा हर साल करोड़ों का बजट एमडीएम, ड्रेस, बैग आदि पर भी खर्च किया जाता है।

इन सबके बाद भी नगर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों का हाल बद से बदतर हो चुका है। कुल 2994 विद्यालयों में पूरे जिले में जूनियर और प्राथमिक में 9000 शिक्षक तैनात हैं। यदि सभी विद्यालयों के शिक्षकों का औसत देखा जाए तो दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती हो सकती है।

पर फिर भी परिषदीय विद्यालयों में अलग – अलग संवर्ग होने की वजह से अफसर भी लचार हो जाते हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह कहते हैं कि शहर के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के बारे में शासन को हर साल अवगत कराया जाता है। लेकिन नए शिक्षकों की तैनाती न होने के चलते जैसे – जैसे शिक्षक रिटायर्ड हो रहे हैं वेैसे – वैसे शिक्षकों की कमी बढ़ती जा रही है और एक ही भवन में 2 विद्यालय चलाए जा रहे है।

इस वर्ष कुछ विद्यालयों को भवन एवं अध्यपकों की कमी को देखते हुए एक – दूसरे के साथ मिला कर एक ही भवन में कर दिया गया है। प्राथमिक विद्यालय ओलंदगंज को यहां से करीब दो किलोमीटर दूर मियांपुर प्राथमिक विद्यालय में शामिल कर दिया गया। ओलंदगंज जूनियर विद्यालय को भी मियांपुर जूनियर हाईस्कूल में शमिल कर दिया गया। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय रुहट्टा प्रथम को प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन और प्राथमिक विद्यालय रुहट्टा द्वितीय को प्राथमिक विद्यालय मतापुर में शामिल कर दिया गया है।

इस से बीएसए के डा. राजेंद्र सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद का ग्रामीण और शहरी अलग अलग संवर्ग होने के नाते ग्रामीण संवर्ग के शिक्षकों को शहर के विद्यालयों में तैनाती बिना शासन के निर्देश पर नहीं हो सकती। पुराने शिक्षकों के रिटार होने पर यह स्थिति उत्पन्न हुई है। फिर भी वैकल्पिक व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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