नशे में धुत सिपाही ने सत्ताधारी एमएलसी के गनर की पिटाई संग कपड़े फाड़े
प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का सपना देख रहे सूबे के मुखिया सीएम योगी के सामने नयी चुनौती, वो अपराध मुक्त करने में जुटे या पुलिस का अमानवीय चेहरा बदलने की कोशिश करे। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुयी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया की यूपी के डीजीपी ओपी सिंह कितना भी प्रयास कर ले मगर पुलिस का अमानवीय चेहरा नहीं बदलेगा। रायबरेली के भाजपा एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के गनर सिपाही के साथ स्थानीय सिपाही ने बदतमीजी करते हुए उसकी पिटाई कर दी और साथ में कपड़ा भी फार दिया। घटना से नाराज एमएलसी ने सड़क पर ही बैठ कर धरना देना शुरू कर दिया।जानकारी होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंच एमएलसी को दिया कार्यवाही का भरोसा, भरोसे के बाद एमएलसी ने तोड़ा धरना।
प्राप्त जानकरी के अनुसार नशे में धुत सिपाही सुरेश यादव और उसके तीन मित्र की गाड़ी की टक्कर सत्ताधारी एमएलसी की गाड़ी से हो गया, टक्कर लगाने के बाद जब विधान परिषद् सदस्य के गनर जो की सादे ड्रेस में था विरोध किया तो बावतपुर चौकी में पोस्टेड होने का धौस देते हुए उसने घटना को अंजाम दे दिया।
परिवार संग आये थे बाबा का दर्शन करने
राय बरेली से कांग्रेस के एमएलसी रहे दिनेश प्रताप सिंह अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। अधिक मास में एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह अपने परिवार के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आये थे। इसके बाद वह घर लौट रहे थे। अभी वह बाबतपुर ही पहुंचे थे कि सिपाही व उसके तीन मित्र एक कार से आ रहे थे और सिपाही की कार ने बाबतपुर पुलिस चौकी के सामने एमएलसी के वाहन को टक्कर मार दी। इस पर एमएलसी के साथ बैठे गनर ने आपत्ति जतायी तो सिपाही नाराज हो गया। सिपाही व उसके साथियों ने मिल कर एमएलसी के गनर की पिटाई करने के साथ कपड़े भी फाड़ दिये। सारी घटना पुलिस चौकी के सामने हुई थी लेकिन घटना में खुद पुलिसकर्मी शामिल था इसलिए पुलिस ने भी हस्तक्षेप करना सही नहीं समझा। घटना से नाराज एमएलसी धरने पर बैठ गये। इसके चलते बाबतपुर मार्ग पर जाम लग गया। घटना की जानकारी जब पुलिस प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया। इसके बाद मौके पर पहुंचे एसपीआरए अमित कुमार ने एमएलसी को समझा कर धरना समाप्त कराया। इसके बाद सिपाही को निलंबित करने के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।