वाराणसी में सीईओ पर लगा मनमानी का आरोप, फाइनेंस कमेटी के सदस्यों ने किया बहिष्कार
वाराणसी: छावनी परिषद् के निर्वाचित सदस्यों ने परिषद् के मुख्य अधिशासी अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगया है। सदस्यों का आरोप है कि निविदा अवं आवंटन बैठकों से निर्वाचित सदस्यों का आरोप हैं कि कि निविदा एवं आवंटन बैठकों से निर्वाचित सदस्यों को बाहर रखना अवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक है।
इसी तरह फाइनेंस कमेटी की कार्यवाही भी सदस्यों को विश्वास में लेकर काम न करना,मनमाने तरह से धन खर्च किया जाना, सदस्यों के शिकायती पत्र का जवाब न देना भी मुख्य अधिशासी अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। मीडिया से मुखतिब छावनी परिषद् सदस्यों ने कहा कि जनहित से जुड़े विषयो पर जिस पर जो बिंदु छूट जाते है, उसे अगले बैठक में उसी प्रारूप में रखना चाहिए।, परन्तु ऐसा नहीं किया जाता जोकि बोर्ड की अवमानना है।
कहा लगाए गए आरोप नियमो के विरुद्ध
सदस्यों का कहना है कि एक नवनिर्वाचित सदस्य जिसका पेशा ठेकेदारी करना और ठेकेदारों को सेट करना हैं, उसी के इशारे हो रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्य अधिशासी अधिकारी द्वारा छावनी परिषद के बैठक दिनांक तीन फरवरी की कार्यवाही प्रपत्र में चंद्रकेशव उपाध्यक्ष व अन्य पांच निर्वाचित सदस्य शैलेन्द्र सिंह, संगीता यादव, राज कुमार दास, मसूदा हुसैन व शैलजा श्रीवास्तवा द्वारा लगाए गए नोटआफ डिसेंट पर उठाई गई आपत्तियां व आरोप नियमों के विरुद्ध हैं।
मनमाने तरीके से वसूला जा रहा हैं जुर्माना
उपाध्यक्ष चंद्र केशव व अन्य सदस्यों ने कार्यवाही रजिस्टर में मुख्य अधिशासी द्वारा लगाए गए अनर्गल आरोप नियमो के विरुद्ध है और अधिशासी अधिकारी मनमाने तरीके से बोर्ड को चलना चाहते है, जोकि नियमो के विरूद्ध है। इसके आलावा छावनी नागरिको को लगातार अनावश्यक डरा धमकाकर सदस्यों के ऊपर दबाव बना रहे है और बिना बोर्ड की अनुमति के नागरिको से मनमानी तरीके से जुरमाना वसूला जा रहा हैं।