अपहरण की तलाश में पहुंचे दरोगा व तीन सिपाहियों को गांववालों ने बंधक बनाकर पीटा
वाराणसी: बुधवार को वाराणसी के एक गांव में किशोरी के अपहरण के मामले में उसके आरोपी दोस्त की तलाश में छापामारी करने के लिए पुलिस जो कि सादे कपड़ों में गई थी। उनमें लोहता थाने के एक दरोगा एवं तीन सिपाही भी शामिल थे जिनको ग्रामीणों ने जमकर पीटने के बाद बंधक बना लिया।
इस खबर के चलते ही लोहता समेत आस-पास के छह थानों की फोर्स भी मौके पर पहुंची एवं तीन घंटे के बाद दरोगा एवं तीनों सिपाही को मुक्त कराया जा सका। देर शाम 10 थानों की फोर्स, एक कंपनी पीएसी एवं एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के कमांडो समेत एसपी ग्रामीण ने मिलकर 26 लोगों को गिरफ्तार किया वह भी सर्च आपरेशन चलाकर।
एसएसपी ने राम कुमार सिंह जो की लोहता के थानाध्यक्ष है को इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित करने के साथ ही जांच भी बैठाई है। हाजी यासीन के साथ ही 26 लोगों के खिलाफ पुलिस पर हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने वा अन्य गंभीर आरोपों में पुलिस की ओर से लोहता थाने मेें मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है।
सुरक्षा के दृष्टि कोण से किया गया यह
गैंगेस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा के दृष्टि कोण से गांव में एक प्लाटून पीएसी, और एक क्यूआरटी और तीन थानों की फोर्स लगायी गयी है। जुलाई के पहले हफ्ते में लोेहता थाना अंतर्गत धमरियां गांव की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण हुआ था।औरंगाबाद निवासी शाहिद के खिलाफ सिगरा थाने में इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। शाहिद की धमरिया निवासी एक युवक से बातचीत होती है यह बात पुलिस को बुधवार को हुई।
हाजी यासीन के घर में घुस गए तीनों सिपाही वा दरोगा
जब इस बात की जानकारी मिल गई तो सादे कपड़े में सिपाही मैनेजर चौहान,दरोगा भूपेंद्र सिंह और पवन व राहुल प्रसाद धमरिया गए तो पता लगा कि कन्हईसराय चौक स्थित अपने नाना हाजी यासीन के घर में शाहिद का दोस्त है। इस खबर के मिलते ही तीनों सिपाही वा दरोगा कन्हईसराय चौक गांव जाकर हाजी यासीन के घर में घुस गए।
वही दूसरी तरफ हाजी यासीन का आरोप है कि अपहृत किशोरी के घर के भी तीन-चार लोग दरोगा और तीनों सिपाही के साथ ही थे। जब सादे कपड़ों में घर में घुसे पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने बदसलूकी शुरू की तो उन्हें आसपास के लोगो ने बदमाश समझ कर सभी की पिटाई की वा उसके बाद रस्सी से खंभे से बांध दिया। इस बीच किशोरी के घर वाले भाग निकले यह बात हाजी यासीन ने बताई।
बुधवार को कन्हईसराय चौक गांव में 12 घंटे से ज्यादा समय तक इस ड्रामा की अहम वजह लोहता थानाध्यक्ष राम कुमार सिंह की कारगुजारी बताया रहा है। जल्दी – जल्दी में 10 थानों की फोर्स, पीएसी एवं एटीएस कमांडो कन्हईसराय गांव पहुंचे जब उनको पता चला कि दरोगा और तीन सिपाही को मारपीट कर बंधक बना लिया गया था।
कन्हईसराय चौक गांव के पुलिस के सर्च ऑपरेशन के दौरान कई पुरुष घर छोड़ कर भाग गए थे।
अधिक संख्या में पुलिस बल देख कर गांव के सभी लोग सकते में आ गए। बुधवार की रात गांव के काफी घरों में चूल्हे भी नहीं जले।