कोरोना के खतरनाक प्रकोप को देखते हुए योगी सरकार का बड़ा फैसला
कोरोना की खतरनाक लहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
इसके मुताबिक अब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में प्राइवेट लैबों को भी कोरोना टेस्ट करने की अनुमति दी गई है।
योगी सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि जो भी लोग कोविड टेस्ट करा रहे हैं उनकी रिपोर्ट काफी देर से आ रही है, जिसके मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
ताकि लोगों की रिपोर्ट समय से आ सके और उनका समय से इलाज हो सके। इसके अलावा कालाबाजारी को रोकने के लिए भी कोरोनावायरस के टेस्ट के लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है।
जो लोग लैब में जाकर टेस्ट करा रहे हैं उनके लिए 700 रुपये और जो लोग घर पर कोविड का टेस्ट करा रहे हैं उन्हें 900 रुपये का भुगतान करना होगा।
इसके साथ ही योगी सरकार ने दूसरा बड़ा फैसला करते हुए कहा है कि जिन मरीजों को ऑक्सीजन की वजह से दिक्कत हो रही है, उनके लिए प्रदेश के सभी जिलों के अस्पतालों को यह निर्देश दिया गया है कि सभी के पास कम से कम 36 घंटे के लिए ऑक्सीजन का बैकअप रखना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली 90 छोटी इंडस्ट्रीज को सीधे 285 अस्पतालों से सीधे कनेक्ट किया गया है ताकि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी ना हो सके।
इसके अलावा जितने भी कोविड के बड़े अस्पताल हैं, सरकार उनकी सीधे मोनिटरिंग भी कर रही है।
इसके अलावा बाजार में मिलने वाली जीवन रक्षक दवाइयां जिनके बारे में यह कहा जा रहा है कि यह दवाइयां अस्पतालों और बाजारों से नदारद हैं और यदि कहीं मिल भी रही हैं तो बहुत महंगे दामों पर मिल रही है।
इसके लिए भी सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं कि यह जीवन रक्षक दवाइयां सभी जगह आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए और इसकी कालाबाजारी करने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके साथ ही सरकार ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है ताकि वह किसी भी प्रकार की सहायता ले सके।
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