इस ख़ास रिपोर्ट में जानिए कैसे प्रधानमंत्री के सांसदीय क्षेत्र में महिलाओ द्वारा उड़ाई गयी यातायात नियमो की खिल्ली

इस ख़ास रिपोर्ट में जानिए कैसे प्रधानमंत्री के सांसदीय क्षेत्र में महिलाओ द्वारा उड़ाई गयी यातायात नियमो की खिल्ली

वाराणसी: वैसे तो एक सभ्य और सुरक्षित समाज के निर्माण में औरतो की एक बहुत बड़ी भूमिका होती है और उसकी इस भूमिका को सर्वोपरि माना गया है। पर भारत जैसे देश में इसकी महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि यहां के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के ऊपर से महिला सशक्तिकरण को लेकर एक बहुत बड़ी बात कही थी जिसमे उन्होंने महिलाओं और पुरुषो के बिच के असमानता को ख़त्म की बात कही थी।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसदीय क्षेत्र वाराणसी का हाल जहाँ महिलाओ ने नियम की जमकर धज्जिया उड़ाई है।

ऐसे ही मामले में आज हम आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसदीय क्षेत्र वाराणसी के हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं जहाँ जो नज़ारा देखने को मिलता है उसे देखने से यह लगा की यहाँ  ट्रैफिक के कानून महिलाओं और पुरुषों के लिए बिल्कुल ही अलग – अलग है।

नियम – कानून को ताक पर रखकर वाहन चला रही है महिलाये
यह नजारा हमें देखने को मिला वाराणसी के पुलिस लाइन के समीप जहां आरटीओ विभाग हर बुधवार को एक चेक पोस्ट लगा कर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है, और इसी  क्रम में इस बुधवार भी आरटीओ विभाग अपने कर्मचारियों के साथ चेकिंग कर रहा था। दोपहिया और चार पहिया वाहनों समेत सरकारी वाहनों की भी चेकिंग की जा रही थी, भले ही वह वाहन महिला चालक द्वारा चलाया जा रहा हो या पुरुष द्वारा सबको रोका जा रहा था, परंतु चेकिंग के दौरान ऐसा नजारा देखने को मिला जिसमें दुपहिया वाहन चलाने वाली कई महिलाओ ने हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझा या फिर ये कहा जाये की उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है की दो-पहिया वहां चलते वक़्त हेलमेट न लगाना कानूनन जुर्म है।

इनमें से तो कई महिलाएं ऐसी दिखी  जो खुलेआम यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे और और दिनों की बात तो छोड़ दीजिए प्रत्येक बुधवार को होने वाली वाहन चेक वाहन चेकिंग अभियान की जानकारी के बावजूद भी महिलाओं ने हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझा कुछ के पास तो गाड़ी के कागजात तक मौजूद नहीं थे। और ड्राइविंग लाइसेंस की तो बात ही छोड़िए इस मामले में आरटीओ विभाग ने सभी को लापरवाही बरतने के लिए सलाम जारी कर दिया है।

जांच अधिकारी केकी मिश्रा ने बताया  कि पता नहीं महिलाओं में यह अवधारणा कैसे बनी हुई है कि महिलाओं की जांच नहीं की जाएगी और उन्हें हेलमेट पहनने की आवश्यकता नहीं है जोकि बिल्कुल भी काबीले बर्दाश्त नहीं है, कानून की नजर में महिला और पुरुष सब बराबर है, और ट्रैफिक के नियम में महिलाओं के अंदर जागरूकता की कमी होने की वजह से इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.