हार के बाद केंद्र ने दिया योगी आदित्यनाथ को तगड़ा झटका, इस चहेते अधिकारी का किया ट्रांसफर
उत्तर प्रदेश: सूबे में हुए दो सीटों पर हुए उपचुनावों में मिली हार के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने योगी आदित्यनाथ पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। चुनावो में मिली हार के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ के खास आईएएस अधिकारी राजीव रौतेला की हालत खराब होने लगी हैं। हाईकोर्ट ने रामपुर में अवैध खनन प्रकरण में वहां के तत्कालीन जिलाधिकारी राजीव रौतेला की भूमिका पर नाराजगी जतायी थी और उन्हें निलंबित करने को कहा था लेकिन सीएम योगी के खास अधिकारी होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
योगी आदित्यनाथ के ख़ास अधिकारियो में थे शामिल
हाईकोर्ट के चेतावनी के बाद भी सीएम योगी ने राजीव रौतेला को गोरखपुर को जिलाधिकारी बना दिया था। गोरखपुर उपचुनाव में राजीव रौतेला की भूमिका को लेकर विरोधी दल ने सवाल उठाये थे। विरोधी दलों का आरोप था कि पहले चक्र के मतगणना के बाद जब बीजेपी प्रत्याशी हारने लगे थे तब तत्कालीन डीएम राजीव रौतेला ने चुनाव परिणाम जारी करने पर अघोषित रोक लगा दी थी।
जिसके चलते मीडिया ने मामले को उठाया तो चुनाव आयोग ने राजीव रौतेला को नोटिस तक जारी कर दी थी। गोरखपुर उपचुनाव में हार के बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ का राजीव रौतेला से लगाव कम नहीं हुआ और उन्हें देवीपाटन का कमिश्नर बना कर बड़ा इनाम दिया गया था।
आपको बता दे कि आईएएस राजीव रौतेला उत्तराखंड कैडर के अधिकारी है और उत्तराखंड की सरकार काफी समय से उन्हें वापस उत्तराखंड बुला रही थी, लेकिन सीएम योगी ने अपने जाति के समीकरण को देखते हुए उन्हें जाने नहीं दिया था। चुनाव परिणामो में हार के बाद भाजपा नेतृत्व ने सीएम योगी आदित्यनाथ की ताकत कम कर दी है और इसका संकेत देते हुए राजीव रौतेला को उत्तराखंड भेज कर दिया है, जिससे योगी आदित्यनाथ को तगड़ा झटका लगा है।