अभिभावकों और शिक्षक के गैर जिम्मेदार रवैया से देश अंधकार की ओर
केंद्र और प्रदेश सरकार जहा ग्रामीण इलाको के बच्चो को शिक्षित करने के उद्देश्य से पढ़ाई के ओर आकर्षित करने के लिए तमाम कोशिशे कर रही है व् विभिन्न प्रकार की योजनाए चला रहा है तथा परिषदीय विद्यालयों में अंग्रेजी मध्यम की पढ़ाई शुरू करवा शिक्षा के स्तर को ऊचा करना चाह रही है वही दूसरी तरफ अभिवावको की लापरवाही व् शिक्षकों की निष्क्रियता इन योजना को गलत व देश को अंधकार में धकलने का पूरा प्रयास कर रही है।
चंदौली के साहबगंज विकासखंड के पड़रिया प्राथमिक विद्यालय में इसका उदाहरण देखने को मिला। बुधवार को सुबह विद्यालय की तरह से जा रहे कुछ सामाजिक लोगो ने देखा की स्कूली ड्रेस में बच्चे स्कूल के सामने नहर में मछली मरने में मशगूल है, जिसकी जानकारी करने जब प्राथमिक विद्यालय पहुंची तो नजारा देख भौचक्के रह गए। शिक्षक कुर्सी पे बैठे आराम फरमा रहे है और बच्चो से स्कूल में झाडू लगवा रहे थे। एक तरफ बच्चों को सामने ही मछली मारते हुये देखने के बावजूद शिक्षक अपनी नैतिक जिम्मेदारी से भाग रहे है तो वहीं दूसरी तरफ अभिभावक भी अपनी जिम्मेदारियों के निभाने में पूरी तरफ असफल है, क्योंकि बच्चे मछली मार कर घर ही ले जाते है, जहां अभिभावक कुछ सवाल-जवाब नही करते कि बच्चा पढ़ने गया था मछली मारने। पूछने पर आनाकानी करते हुए चले गए।
इस बात की शिकायत जब जिलाधिकारी नवनीत सिंह से किया गया तो मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तत्काल बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश देते हुए तत्काल कार्यवाही करने कहा।
सवाल उठता है कि सरकार द्वारा मिड डे मिल, डेªस वितरण, कापी-किताब के साथ ही अन्य कई सारी योजनाओं को चलाने के बावजूद जब यह स्थिति है, तो फिर बच्चों को किस प्रकार शिक्षा जोड़ कर आधुनिक भारत की नींव को मजबूत किया जा सकेगा।