बढ़ सकता है पुलिस जवानो के भत्ते डेढ़ से तीन गुना ज्यादा

बढ़ सकता है पुलिस जवानो के भत्ते डेढ़ से तीन गुना ज्यादा

राज्य वेतन समिति ने सरकार से पुलिस जवानों के भत्तों में डेढ़ से तीन गुना तक की वृद्धि की सिफारिश की है। समिति ने जवानों के शैडो भत्ता से लेकर परिवार आवास भत्ता, पीएसी भत्ता, एसटीएफ, एटीएस को जोखिम भत्ता बढ़ाने की मांग भी मान ली है। कई संवर्ग के उन जवानों के भत्तों में भी अधिक वृद्धि की सिफारिश की है, जो लंबे समय से लंबित हैं। वित्त विभाग इन सिफारिशों का परीक्षण कर रहा है। इसके बाद कैबिनेट की सहमति से लागू करने पर विचार होगा।

जवानों के परिवार का आवास भत्ता बढ़ेगा

बैरक में रहने वाले पुलिस व पीएसी कर्मियों के परिवार यदि उसी नगर के शहरी क्षेत्र में रहते हैं तो उन्हें परिवार आवास भत्ता मिलता है। यह श्रेणी-ए, बी-1 तथा बी-2 के नगरों में 913 रुपये तथा श्रेणी सी के नगरों में 688 रुपये प्रतिमाह है। ये भत्ता स्वीकृत नहीं है और वे बैरक में रहते हैं, उन्हें 456 रुपये भत्ता मिलता है। समिति ने श्रेणी-ए, बी-1 तथा बी-2 श्रेणी के लिए 1000 रुपये तथा श्रेणी सी के नगरों में 800 रुपये प्रतिमाह भत्ते की सिफारिश की है। वहीं, 456 रुपये पाने वालों को 500 रुपये प्रतिमाह की सिफारिश की गई है। पीएसी भत्ते में 1100 रुपये तक बढाने की सिफारिश अपर पुलिस महानिदेशक ने पीएसी भत्ते को सेनानायक के अतिरिक्त अन्य सभी पदों के लिए मूल वेतन का एक प्रतिशत अधिकतम 6500 रुपये देने की मांग की थी। समिति ने यह मांग तो नहीं मानी, लेकिन महंगाई दर में वृद्धि, कार्य की प्रकृति व राज्य की आवश्यकता का हवाला देते हुए 100 से 1100 रुपये तक वृद्धि की सिफारिश की है। एसटीएफ/एटीएस को जोखिम भत्ता 15 हजार तक एसटीएफ/एटीएस की कार्यप्रकृति को देखते हुए इन्हें जोखिम भत्ता दिया जाता है। अभी एसटीएफ व एटीएस में अपर पुलिस महानिदेशक से चतुर्थ श्रेणी कर्मी तक मूल वेतन का 30 प्रतिशत अधिकतम 12500 रुपये प्रतिमाह जोखिम भत्ता पाते हैं। इसमें मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 60 प्रतिशत दिए जाने की मांग की गई थी। समिति ने नई वेतन मैट्रिक्स लागू होने और उससे वेतन में 2:57 गुने की वृद्धि का हवाला देते हुए मूल वेतन का 25 प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रुपये जोखिम भत्ता दिए जाने की सिफारिश की है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.