क्या सच में योगी सरकार ने शिक्षण संस्थानों में लगाई मोबाइल फ़ोन पर पाबंदी?
बीते दिनों योगी सरकार द्वारा सभी कॉलेज एवं विश्वविद्यालय को एक एडवाइजरी जारी करते हुए परिसर में मोबाइल फ़ोन बैन करने का एक वायरल मैसेज लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
यह खबर एक न्यूज़ एजेंसी के जरिये दी गयी जिसका दावा था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों में मोबाइल फ़ोन पर पाबंधी लगा दी गयी हैं। पर जब यही सवाल सूबे के उपमुख्यमंत्री से किया गया तो उन्होंने सीधे किनारा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया हैं।
जी हां! उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पत्रकारों के एक समूह को बताया कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ० वंदना शर्मा ने भी प्रतिबंध आदेश से इनकार किया। बाद में उन्होंने एक आदेश कार्यालय से जारी करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा आदेश जारी नहीं किया गया। यह रिपोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध है।
कानपुर स्तिथ छत्रपति साहूजी महराज विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ० विनोद कुमार सिंह द्वारा भी विश्वविद्यालय के सभी विभागों को जारी एक आदेश और एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया मोबाइल फोन का उपयोग कक्षाओं में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह नियम पहले से लागू हैं।
छात्रों एवं शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे क्लास में फोन पर बात न करें या क्लास के दौरान खुद को व्हाट्सएप या सोशल मीडिया में व्यस्त न रखें। छात्र और शिक्षक द्वारा ऐसा करना अनुशासनहीनता का कार्य माना जाएगा और जिससे उसे शिक्षण संस्थान की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
कक्षा की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है।
न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं