जानिए कौन हैं ओमप्रकाश राजभर? जिसने बढ़ा दी हैं बीजेपी की मुश्किलें
हम बात कर रहे हैं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की जिन्होंने हाल ही में तवज्जो न देने के मामले में BJP को आड़े हाथों लिया है और लगातार बयानबाजी करके चर्चा में बने हुए हैं।
सन 1981 में ओम प्रकाश राजभर ने काशीराम के दौरे से अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत किया। इसके पश्चात एक लंबे अरसे के बाद सन 2001 में भदोही का नाम बदलकर संतकबीरनगर रखने के संदर्भ में ओमप्रकाश राजभर का बसपा सुप्रीमो मायावती से विवाद हुआ जिसके पश्चात ओमप्रकाश राजभर ने बसपा का साथ छोड़ दिया और सन 2004 में अपने राजभर मतदाताओं का नेतृत्व करने के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठन किया। हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिन 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था उसी में से एक राजभर जाति से आते हैं ओमप्रकाश राजभर। पूर्वांचल की जातिगत गणना में राजभरों की गिनती करीब 18% है।
2017 विधानसभा चुनाव को अगर छोड़ दें तो उससे पहले सुभासपा पार्टी का कोई भी उम्मीदवार विधानसभा नहीं पहुंच सका था मगर यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी से हाथ मिला लिया, इसके फलस्वरुप आज सुभासपा पार्टी के 14 विधायक विधानसभा में है।
सुभासपा जैसी छोटी पार्टी वैसे तो चुनाव अकेले दम पर नहीं जीत पाती मगर अगर यह किसी पार्टी के साथ चुनाव लड़ती हैं तो चुनावी नतीजों पर गहरा असर करती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चाणक्य के जैसे चाल चलने वाले अमित शाह बीजेपी के सामने आई इस परेशानी से कैसे निपटते हैं।