बनारस और दिल्ली एक सामान, बना विश्व का सबसे प्रदूषित शहर
जिनीवा में डब्लुएचओ (विश्व स्वास्थ संगठन ) ने कल जारी की एक रिपोर्ट जिसमे पुरे दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरो की सूची तैयार है। 2016 के सर्वे के आधार पर यह आंकड़े प्रस्तुत किया गया है। डब्लुएचओ की माने तो विश्व में दस लोगो में से 9 लोग अत्यधिक जहरीली का सास ले रहे है।
आइए जानते है कौन कौन से शहर है शामिल
डब्लुएचओ के अनुसार विश्व के बीस ऐसे शहर है जहा पे सास लेना अब मुमकिन नहीं रह गया है, अगर वहा पर इंसां खुली हवा में सास ले रहे है तो उसकी उम्र 20 साल कम होजायेगी। डब्लुएचओ संगठन ने इसको लेकर गहन चिंता में है।भारत के एकेले 14 शहर २० शहर के लिस्ट में शामिल है, डब्लुएचओ के डेटाबेस से पता चलता है की 2010 से 2014 के बिच में दिल्ली और वाराणसी के प्रदूषण स्तर में मामूली बेहतरी हुयी थी लेकिन 2015 से फिर हालत बिगड़ने लगी हैं।
भारत के 14 ऐसे राज्य जहाँ पीएम (प्रदूषण मापन ) बहुत ही उच्च स्तर 2.5 पर है
दिल्ली,वाराणसी, कानपुर, फरीदाबाद, गया, पटना, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुडगाँव, जयपुर, पटियाला, जोधपुर
अगर बात पीएम स्तर 10 से ऊपर की बात करे तो इंडिया के 13 शहर शामिल हैं।
दिल्ली को लेकर एक्सपर्ट समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर किस कारण से 2015 और 2016 में प्रदूषण में इतनी बढ़ोतरी हुई है। सीपीसीबी एयर लैब के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने बताया, ‘2015 और 2016 में पराली जलाने के सीजन में उत्तर पश्चिम की ओर बहने वाली हवा के साथ पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण के कण दिल्ली में आए थे। इनसे भी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ा होगा।
वायु प्रदूषण से लड़ने में चीन से पीछे है भारत
2013 में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में अकेले चीन के पेइचिंग समेत 14 शहर शामिल थे लेकिन वहां प्रदूषण की समस्या पर काबू पाया गया। इसका नतीजा यह सामने आया है कि 2016 में चीन के सिर्फ चार इस लिस्ट में शामिल हैं। दिल्ली और पेइचिंग का वहां वायु प्रदूषण के उच्च स्तर और ऑड-इवन रोड प्रबंध या वायु प्रदूषण के इमर्जेंसी ऐक्शन प्लान को लेकर मुकाबला किया जाता है। लेकिन डब्ल्यूएचओ के हालिया डेटा से पता चलता है कि पेइचिंग में 2013 के बाद लगातार प्रदूषण के स्तर में गिरावट आ रही है।