डेंगू का लार्वा मिलने पर लगेगा जुर्माना,मलेरिया विभाग की पहल
कानपुर में बारिश से पहले स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम की जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर डेंगू की रोकथाम के लिए जांच कर रही हैं। शहर के कई घरों में डेंगू का लार्वा मिला हैं।जिसे नष्ट कराया गया हैं। पहली बार डेंगू का लार्वा घर में मिलने पर मुखिया को नोटिस दिया जाएगा। और दोबारा मिलने पर 200 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
कई घरों में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की शहरी मलेरिया इकाई की 64 टीमों ने 32 मोहल्लों में घर घर जाकर चेकिंग की। इस दौरान 12 घरों में लार्वा मिले हैं। एक गृह स्वामी को नोटिस दिया है। सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ल ने बताया कि कई ऐसे घर मिले जहां सफाई नहीं थी। लंबे समय तक कूलर का पानी नहीं बदला गया था। पहली बार में भवन स्वामी को नोटिस दिया है। दोबारा लापरवाही पर 200 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
गर्मी की शुरुआत होते ही महानगर में मच्छर ‘दहाड़ने’ लगे हैं। विभाग के अफसर केवल दावा करते हैं जबकि पार्षद इसे खारिज। लोगो का कहना है कि मलेरिया विभाग के कर्मचारी क्षेत्र में दिखते ही नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में बड़ी संख्या में टायफाइड एवं मलेरिया के मरीज आ रहे हैं। मलेरिया विभाग की नगरीय इकाई की भारी-भरकम फौज हाथ पर हाथ धरे बैठी है। एंटी लार्वा स्प्रे कराने की सुध नहीं है। ऐसे में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। विभागीय टीम नजर नहीं आ रही है। पार्षद के कई सदस्यों का कहना है कि मलेरिया विभाग दवा का छिड़काव नहीं कराता है, न ही उसके कर्मचारी क्षेत्र में छिड़काव करने की सूचना देते हैं।
हालांकि शहरी क्षेत्र में 14 सेक्टर व 421 कर्मचारी भी हैं। नगरीय मलेरिया इकाई ने कार्य के हिसाब से 12 सेक्टर एवं दो स्पेशल सेक्टर बनाए हैं। इसके लिए 286 कर्मचारियों की फौज है। इनकी हाजिरी व कार्य आवंटन प्रत्येक सेक्टर में मलेरिया इंस्पेक्टरों के जिम्मे है।फील्ड के अधिकतर कर्मचारी सेटिंग कर गायब रहते हैं। कुछ सुबह हाजिरी बनाकर घर चले जाते हैं। कुछ क्षेत्र छोड़कर कार्यालय में काम कर रहे हैं।
आदेश है एंटी लार्वा व पैराथ्रम का छिड़काव या फागिंग से पहले संबंधित क्षेत्र के पार्षद को जानकारी दी जाए। छिड़काव के बाद पार्षद से हस्ताक्षर कराना है। सप्ताह में दो दिन बैठक कर क्षेत्र की समस्या जाननी है, लेकिन पालन नहीं हो रहा है। यह भी आदेश हैं कि नालियों, पानी टंकी और पानी जमा होने की जगह जो मच्छरों के प्रजनन क्षेत्र के रूप में चिह्नित हैं। में एंटी लार्वा स्प्रे, क्षेत्र व घरों में कीट-पतंगों के घनत्व का पता लगाना और डेंगू-मलेरिया के केस मिलने पर 50-50 घरों में छिड़काव। मोहल्लों में मच्छर मारने के लिए फागिंग भी करनी होती है।