जे न मित्र दुख होहिं दुखारी. तिन्हहि बिलोकत पातक भारी, रामायण की इन चोपाई से पीएम मोदी ने समझायी भारत नेपाल मैत्री

जे न मित्र दुख होहिं दुखारी. तिन्हहि बिलोकत पातक भारी, रामायण की इन चोपाई से पीएम मोदी ने समझायी भारत नेपाल मैत्री

पीएम मोदी ने नेपाल दौरे के पहले दिन जनकपुर में जनता को संबोधित किया। जनता को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की युद्ध से बुद्ध तक के सार्थक परिवर्तन के लिए नेपाल को बहुत बधाई देता हूं, मैं आपकी आंखों में नेपाल के लिए सपने देख रहा हूं व नेपाल की समृद्धि और खुशहाली की कामना भारत हमेशा से करता आया है।

दोनों देशों की दोस्ती पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल की मित्रता कैसी रही है, इसको रामचरितमानस की इन चौपाइयों के माध्यम से समझा जा सकता है।

 जे न मित्र दुख होहिं दुखारी. तिन्हहि बिलोकत पातक भारी.. निज दुख गिरि सम रज करि जाना. मित्रक दुख रज मेरु समाना..

पीएम मोदी ने भारत के स्वच्छता अभियान, पर्यटन विकास और तकनीक के क्षेत्र में किए जा रहे कामों की चर्चा की, साथ ही आश्वास दिया कि नेपाल की जनता को भारत का पूरा सहयोग मिलेगा। नेपाल के विकास में भारत अपनी साझेदारी निभाएगा और उन्होंने नेपाल की जनता को भारत आने का आमंत्रण भी दिया।

नेपाल में अपना स्वागत देख गदगद हुए पीएम मोदी

जानकी मंदिर में पूजा के बाद मीडिया से कहा कि यह मेरे अकेले का स्वागत नही बल्कि 125 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। मैं इस स्वागत के लिए आप सभी का आभारी हूं। प्रधानमंत्री ने कहा की जबकि सारी दुनिया में पर्यटन तेज गति से विकसित हो रहा है व सबसे ज्यादा ग्रोथ भी आज टूरिज्म की ही है। ऐसे में रामायण सर्किट दोनों देशों के करोड़ों लोगों के लिए यात्रा की बहुत बड़ी मिसाल है और दोनों देश आज मिलकर रामायण सर्किट के भ्रमण के लिए आगे की योजना के लिए बस सेवा शुरू कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने मंदिर में भगवान राम और सीता की विशेष अर्चना की और इसके बाद पुजारी ने प्रधानमंत्री को माला पहनाई, तिलक लगाया और पगड़ी पहनायी. उन्होंने मंदिर में पिछले 56 सालों से 24 घंटे सीता—राम का जाप रहे लोगों के साथ मंजीरा भी बजाया। मंदिर से निकलने के बाद उन्होंने रामायण सर्किट का शुभारंम किया और जनकपुर-अयोध्या बस सेवा शुरू की. पीएम मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी उपस्थित हैं.

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.