फेसबुक ने बढ़ाई सुरक्षा फेसबुक पर यूजर के फोटो का फिंगरप्रिंट बन जाएगा
फेसबुक की तरफ से मंगलवार को किए पोस्ट में कंपनी के वैश्विक प्रमुख सुरक्षा एंटीगोन डेविस ने बोला कि कंपनी अपने पायलट प्रोग्राम को अपडेट कर रही है। ताकि बिना सहमति के फेसबुक पर फोटो साझा करने से रोका जा सके। यूजर की मर्जी के बिना उनकी आपत्तिजनक फोटो साझा करने वालों के खिलाफ फेसबुक ने अपनी जंग तेज कर दी है। कंपनी अपने पायलट प्रोग्राम को तैयार रही है। इसमे फेसबुक यूजर से उसका एक फोटो अपलोड करने को कहा जाता है। इंटरनेट पर अपलोड़ होने से पहले इस तस्वीर को फेसबुक डिलीट कर देता है। इससे तस्वीर के शेयर होने का खतरा खत्म हो जाता है।
बता दे कि पहले फेसबुक पर आपत्तिजनक तस्वीरें साझा होने के बाद उनकी रिपोर्ट करनी पड़ती थी। फिर फेसबुक इसके बाद इन तस्वीरों को डीलीट करता था। हालांकि पायलट सिस्टम का अमेरिका, कनाडा, यूके और सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में इसका प्रयोग हो चुका है। पिछले साल के आखिरी महीनों में इस तकनीक का प्रयोग ऑस्ट्रेलिया में हुआ था।
फेसबुक पर यूजर के फोटो का फिंगरप्रिंट बन जाएगा
जो लोग को फेसबुक, इंस्टाग्राम या मैसेंजर पर अपनी अंतरंग तस्वीरें अपलोड़ होने का डर होगा। उन यूजर को स्थानीय संस्था से संपर्क कर एक फॉर्म भरने के बाद यूजर को तस्वीर साझा करने का वन टाइम यूज लिंक मिलेगा। जिसके बाद फेसबुक की सुरक्षा टीम इस तस्वीर को देखेगी। और तस्वीर से एक यूनिक हैश तैयार कर दिया जाएगा जिसके बाद हैश तस्वीर के फिंगर प्रिंट की तरह काम करेगा। जिसके बाद कोई भी उस यूजर की तस्वीर में हिस्सेदारी करने की कोशिश करेगा,तो फेसबुक उसे पकड़ लेगा।और इसके बाद फेसबुक यूजर की तस्वीर भी अपने सर्वर में सेव नहीं करेगा।
अलग-अलग क्षेत्रों में यूजर आसानी से इन तस्वीरों की शिकायत कर सकें इसलिए फेसबुक ने कई संगठनों से समझौता किया है। पायलट प्रोग्राम के लिए फेसबुक ने ऑस्ट्रेलियन आॅफिस आॅफ द ई-सेफ्टी कमीशन से हाथ मिलाया हैं। और अमेरिका में साइबर सिविल राइट इनिशिएटिव और द नेशनल नेटवर्क टू एंड डोमेस्टिक वायलेंस, कनाडा में वाईडब्ल्यूसीए से भी हाथ मिला लिया हैं।