जल्द ही क्रोम पासवर्ड याद रखने की झंझट से मुक्ति दिलाने वाला है, बिना पासवर्ड लॉग-इन होगा जीमेल
लगातार सामने आ रहे डेटा ब्रीच के मामलों के बीच पासवर्ड को मैनेज करना काफी मुश्किल और अहम हो चला है। वैसे तो इन पासवर्ड को मोबाइल फोन पर मैनेज करना आसान होता है क्योंकि फोन में आपको सिर्फ एक बार ही पासवर्ड सेट करना पड़ता है। लेकिन जब बात ब्राउजर की आती है तो उन्हें मैनेज करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। वहीं अक्सर इस्तेमाल में लाए जाने वाले ब्राउजर अपने खुद के पासवर्ड मैनेजर की सुविधा भी देते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि W3C World Wide Web Consortium एक संस्था है जो पूरी दुनिया में (WWW) वर्ल्ड वाइड वेब डोमेन एड्रेस सिस्टम को चलाती है। इस बीच W3C वेब ने एक एपीआई तैयार किया है जो कि पासवर्ड की झंझट से छुटकारा दिला देगा और साथ ही यह हैसल फ्री ऑथेंटिकेशन का वादा भी करता है।
पासवर्ड याद रखने से मिलेगा झुटकारा। इस नए एपीआई के साथ, उपयोगकर्ता अपने बायोमेट्रिक्स का उपयोग कर पंजीकरण कर पाएगा जैसे कि फिंगरप्रिंट, चेहरे की पहचान और रेटिना स्कैनिंग (आईआरआईएस)। ये वो सारी डिटेल हैं जो कि यूजर के स्मार्टफोन पर स्टोर होती हैं। ये नया ऑथेंटिकेशन सिस्टम पब्लिक-की क्रिप्टोग्राफी पर निर्भर है और हर साइट को सुरक्षित बनाता है। इसमें एक सेफ टोकन प्रोसेस से लॉगइन किया जा सकेगा। ये बार बार एक ही पासवर्ड की झंझट को खत्म कर देगा।
होगी ऑथेंटिकेशन की जरुरत
कैसे काम करेगा ये नया सिस्टम: आने वाले महीनों में जब एपीआई लाइव होगा, जो भी यूजर किसी भी साइट पर साइन इन करेंगे उन्हें अपने स्मार्टफोन पर एक प्रॉम्प्ट प्राप्त होगा और यूजर से रजिस्ट्रेशन के लिए कहेगा। इसके बाद यूजर को ऑथेंटिकेशन गेस्चर की जरूरत होगी, जैसे कि बायोमेट्रिक इंप्रेशन।
पिन या फिंगरप्रिंट से हो अकाउंट लिंक
यह कोई पिन या फिंगरप्रिंट हो सकता है तो कि अकाउंट से लिंक होगा। इसके बाद यूजर को ऑथेंटिकेशन के लिए वही गेस्चर संबंधित साइट पर दर्ज कराना होगा। यह नया WebAuthn एपीआई आगामी क्रोम 67 और फायरफॉक्स 60 अपडेट्स के लिए डिफॉल्ट रूप से सक्रिय हो जाएगा।