यदि आपके SBI अकाउंट में नहीं होगा इतना मिनिमम बैलेंस तो भरनी पड़ेगी पेनाल्टी
बता दें कि आपके लिए आपका बैंक खुशखबरी लाया है। यदि आप देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के खाताधारक हैं तो 1 अप्रैल 2018 से न्यूनतम बैलेंस नियमों (मिनिमम बैलेंस रूल्स) में बदलाव आ गया है। तो जानिए कि मिनिमम बैलेंस रूल्स में कौन-कौन से बदलाव आए हैं।
हालांकि बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट कम नहीं की है। वह पहले की तरह ही है। यानी एसबीआई के मेट्रो शहरों में रहने वाले खाताधारकों को अपने अकाउंट में 3000 रुपए का मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है। एसबीआई के मुताबिक 1 अप्रैल से मेट्रो सिटी और शहरों की बैंक शाखाओं में मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना कर पाने वाले ग्राहकों को अब 50 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज के बजाए सिर्फ 15 रुपये देने होंगे। इसके साथ ही जीएसटी चार्ज अलग से देने होंगे।
वहीं अर्ध-शहरी इलाकों के बैंक खाता धारकों को 2000 रुपये और गांव की ब्रांच में खाता धारकों को 1000 रुपये रखना अनिवार्य है। कोई भी रेगुलर बचत खाता धारक मुफ्त में अपने खाते को बेसिक सेविंग अकाउंट में बदलवा सकता है।
एसबीआई ने अप्रैल 2017 में एवरेज मासिक बैलेंस ना बरकरार रख पाने पर लगने वाले पीनल चार्जेज को 5 सालों बाद पुनः प्रस्तुत किया। फिर अक्तूबर में बैंक ने इसमें संशोधन किया और इस चार्ज को कम किया।
आप को बता दे कि एसबीआई देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक बैंक है। देशभर में एसबीआई के 22,900 ब्रांच हैं। और एटीएम मशीने लगभग 58,916 हैं।