उच्चतम न्यायलय का आदेश, पूर्व मुख्यमंत्री नहीं रह सकते सरकारी बंगले में
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने उड़ाए पूर्व मुख्यमंत्रियों के रात के नींद और दिन का चैन
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सारी उम्र सरकारी बंगला दिए जाने को लेकर सरकार द्वारा बनाए कानून को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ और समानता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है।
लोक प्रहरी नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी खर्च पर इस तरह के बंगले देना गैरकानूनी है। इस पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में उसका पक्ष जानना चाहा था।
एमिक्स क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि ये जनता के पैसे का दुरुपयोग है। अदालत ने इसे जन हित का मामला बताते हुए वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम को अमीकस क्यूरी (न्यायालय मित्र) नियुक्त किया था।
उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने के लिए एक नीति बनाई गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में मनमाना बताते हुए रद्द कर दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दोबारा कानून बना दिया। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून की वैध्यता को भी खत्म कर दिया।
आपको बता दे की 2016 में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने एक कानून पारित किया था जिसके तहत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सारी जिंदगी सरकारी बंगले में रह सकते हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस कानून को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐक्ट का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है। अब कोर्ट के इस आदेश के बाद जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने होंगे, उनमें मुलायम सिंह यादव, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीएसपी प्रमुख मायावती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और अखिलेश यादव शामिल हैं। इन्हें दो महीने के अंदर सरकारी आवास को छोड़ना होगा।
हाई कोर्ट ने भी पूर्व में दिया था आवास खाली करने का आदेश
1997 में हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया जिसके बाद वीपी सिंह, कमलापति त्रिपाठी, हेमवतीनंदन बहुगुणा और श्रीपति मिश्रा के आवास तो खाली हो गए मगर मायावती की गठबंधन सरकार ने ‘एक्स चीफ मिनिस्टर्स रेजिडेंस अलाटमेंट रूल्स 1997’ बना कर एक बार फिर बंगलों पर कब्जा जमाये रखने का इंतजाम कर दिया।