जानिये क्यों शनिदेव तेल चढ़ाने से होते है प्रसन्न, रामायण से है सम्बन्ध

जानिये क्यों शनिदेव तेल चढ़ाने से होते है प्रसन्न, रामायण से है सम्बन्ध

आपने देखा होगा की शनिवार के दिन शनिदेव को तेल अर्पित किया जाता है और कहा जाता है की शनि देव को तेल चढ़ाने से उनसे विशेष कृपा की प्राप्ति होती है और साढ़े साती का भी प्रकोप कम होता है, पर आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?

तो आईये जानते है कि आखिर तेल चढ़ाने से क्यों शनिदेव इतने प्रसन्न होते है, इस विषय में दो कथाये प्रचलित है जिनके बारे में हम आज आपको बताएँगे।

जब रावण ने बनाया था बंदी

शनिदेव को कर्मो का फल दिन वाला ग्रह माना जाता है। उनकी पूजा चढ़ाने बहुत महत्व है इसके विषय में पौरणिक कथाओ में वर्णन मिलता है जो इस प्रकार है
जब रावण ने अपने माध में चूर होकर अपने शक्ति से सभी ग्रहो को बंदी बना लिया था, तब शनिदेव भी उस बंदीगृह में बंदी बनकर उल्टा लटके हुए थे। जब हनुमान जी प्रभु श्री राम के दूत बनकर लंका पहुंचे, तो रावण ने उनकी पूंछ में आग लगा दी।

रावण की इस हरकत से क्रोधित होकर बजरंगबली ने पूरी लंका का दहन कर दिया और सारे ग्रहो को मुक्त करा दिया, लेकिन उल्टा लटके होने के कारन शनिदेव के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी तब शनिदेव के दर्द को शांत करने के लिए हनुमान जी ने उनके शरीर पर तेल से मालिश की थी।उसी समय शनिदेव ने कहा कि जो व्यक्ति उनपर श्रद्धा से तेल अर्पित करेगा उसे सारी समस्याओ से मुक्ति मिलेगी और उनकी कृपा उसपर सदैव बानी रहेगी।

जानिये जब बजरंगबली के प्रहारों से कराह उठे शनिदेव

इसी विषय में एक दूसरी कथा भी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार रामायण काल में एक बार शनिदेव को अपने बल और पराक्रम पे बहुत घमंड हो गया था, और उस समय हनुमानजी की बल और पराक्रम की चर्चा हर ओर फैली थी। जिसको सुनकर शनिदेव खुदको बजरंगबली श्रेष्ठ साबित करने के लिए उनसे युद्ध करने निकल पड़े।

जब हनुमानजी और शनिदेव में युद्ध हुआ तो शनिदेव की हार हुयी और बजरंग बली के प्रहारों से उनके शरीर पर गहरे घाव बन गए और वह दर्द से कराहने लगे उनकी इस पीड़ा को देखकर हनुमान जी ने उन्हें तेल लगाने के लिए दिया जिसका बाद उनका दर्द गायब हो गया। इसी कारन शनिदेव ने कहा जो व्यक्ति उन्हें सच्चे मन से तेल चढ़ाएगा वह उसकी साडी पीड़ा हर लेंगे और सैदव उसकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.